बस्ती। 27 नवम्बर। किसान संगठनों के संयुक्त राष्ट्रीय आंदोलन के दिल्ली चलो आंदोलन में दिल्ली जा रहे किसानों के दमन व उत्पीड़न के विरोध सहित अन्य मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन और किसान सभा बस्ती ने दीवान चंद्र,कामरेड अशर्फीलाल व कामरेड केके तिवारी के नेतृत्व में में न्याय मार्ग स्थित सीटू कार्यालय से जुलूस निकाल कर राष्ट्रीय राज मार्ग 28 से होते हुए कारगिल स्तंभ पहुंच कर दिया । धरने के उपरांत राष्ट्रीय राजमार्ग पर आकर एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।
सीटू कार्यालय से हरी टोपी पहने हाथो में लाठियां लिए भाकियू व लाल झंडे से लैस किसान सभा के दर्ज़नो नेता ,पदाधिकारी व कार्यकर्ता केंद्र व प्रदेशो की भजपा सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतिओ के खिलाफ नारा लगाते हुए न्यायमार्ग ,दीवानी कचहरी ,पुराना डाक कहना होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर चढ़ गए और अमहट पुल होते हुए कारगिल स्तंभ स्थल पर पहुंच गए और धरना शुरू कर दिया।
कार्यक्रम को नियंत्रित करने की पुलिस व प्रशासन की योजना धरी की धरी रह गयी थी।अनुमान के आधार पर प्रशासन ने विकास भवन ,तहसील परिसर व शास्त्री चौक आदि पर व्यापक सुरक्षा के प्रबंध कर रखी थी। अंतिम समय मे आंदोलन कारियो की बदली रणनीति से प्रशासन में अफरा तफरी फैल गयी। आनन-फानन राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यवस्था की गई और कार्यक्रम शान्तिपूर्ण रूप से सम्पन्न हो सका।
धरना स्थल पर हुई सभा को दीवान चंद्र,कामरेड के के तिवारी ,शोभा राम ठाकुर, कामरेड अशरफी लाल , जयराम चौधरी, परमात्मा प्रसाद चौधरी,नवनीत यादव ,वंदना चौधरी,मुन्नी देवी, हृदय राम वर्मा ,शिव मूरत ,राम चन्द्र सिंह ,दीनानाथ ,गंगा राम सोनकर ने संबोधित किया।
संबोधन के उपरांत संयुक्त किसान आंदोलन के दमन को रोके जाने ,किसानों व मजदूरो से संबंधित बने काले कानूनों को समाप्त किये जाने ,सी 2 फार्मूले पर फसल का डयोढा मूल्य दिए जाने, एमएसपी से कम दाम पर खरीद को संगेय अपराध घोषित करने, किसानों के बिजली सहित सभी प्रकार के कर्ज़ माफ किये जाने , कृषि कार्य मे उपयोग होने वाले वस्तुओं पर से जीएसटी हटाये जाने ,गन्ना मूल्य बकाए का भुगतान किए जाने ,किसानों के पराली के निस्तारण की उपयुक्त व्यवस्था बनाये जाने आदि का राष्ट्रपति को संबोधित मांगपत्र उपजिलाधिकारी सदर को सौंंपा गया। मौके पर भारी मात्रा में पुलिस व प्रशासन मौजूद रहा ।